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खजुराहो मंदिर भारतीय संस्कृति और वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण || khajuraho temple india

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खजुराहो मंदिर भारतीय संस्कृति और वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण || khajuraho temple india

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खजुराहो मंदिर भारतीय संस्कृति और वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक हैं। ये मंदिर मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में स्थित हैं। खजुराहो के मंदिर सम्राट चंदेल वंश के राजाओं ने 10वीं से 12वीं सदी में निर्माण किए थे। इन मंदिरों की विशेषता उनकी अद्वितीय कला, अर्थशास्त्र, और वास्तुकला में है।

खजुराहो मंदिरों का समूह सबसे अधिक प्रसिद्ध है उनकी विविध और उत्कृष्ट शिल्पकला के लिए। ये मंदिर हिंदू और जैन धर्म के मंदिर हैं। खजुराहो में लगभग 85 मंदिर थे, लेकिन वर्तमान में लगभग 20 मंदिर ही बचे हैं।

इन मंदिरों की शैली तीन श्रेणियों में बाँटी जा सकती है: उत्तराधुनिक (Northern), मध्य (Central), और दक्षिणाधुनिक (Southern)। ये मंदिर अपने शैली, शिल्पकला, और विविधता के लिए प्रसिद्ध हैं।

खजुराहो में मुख्यतः दो प्रकार के मंदिर हैं:

  1. हिंदू मंदिर: इनमें शिव, विष्णु, और ब्रह्मा जैसे देवताओं के मंदिर हैं। कांचीनाथ मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, खंडरिया महादेव मंदिर आदि प्रमुख हैं। इनकी शिल्पकला, मूर्तियों की सुंदरता और शैली उन्हें अनूठा बनाती है।
  2. जैन मंदिर: खजुराहो में प्रमुख जैन मंदिर अदिनाथ, पार्श्वनाथ, और गंधरहाद जैसे मंदिर हैं। ये मंदिर भी अपनी विशेषता और उनके शैली में शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध हैं।

खजुराहो के मंदिर अपनी शैली, दैवीय अद्भुतता, और कलात्मकता के लिए विश्व धरोहर स्थलों में गिने जाते हैं। इन मंदिरों की शिल्पकला, मूर्तियों की जानकारी और उनकी विस्तृत विवरणात्मक विशेषताओं के लिए खजुराहो मंदिर विशेष महत्त्व रखते हैं।

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खजुराहो मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित हैं और ये विश्व धरोहर स्थल के रूप में UNESCO द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। ये मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख मंदिरों में से एक हैं और इनका निर्माण 10वीं और 12वीं सदी के बीच इस स्थान पर भगवान शिव, विष्णु और जैन धर्म के मंदिरों के लिए किया गया था।

खजुराहो में 85 मंदिर हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही प्रमुख हैं जो कि विशेष रूप से मान्यताओं और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों की मूर्तियों और विशालकाय शिखरों की वजह से खजुराहो के मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

खजुराहो मंदिरों की मुख्यता को उनके शिल्पकला, कलात्मकता, और वास्तुकला में देखा जाता है। इन मंदिरों के शिखर और दीवारों पर नक्काशी की गई मूर्तियों में इंसानों, देवताओं, और जानवरों की विविध रूपरेखाएं बनाई गई हैं। इनकी मूर्तियां सुंदरता, संवेदनशीलता और उनकी सुसंगत स्थापना के लिए प्रशंसा की जाती हैं।

खजुराहो के मंदिरों का एक और विशेषता यह है कि यहाँ पर सांस्कृतिक एवं धार्मिक सहिष्णुता को प्रदर्शित किया गया है, क्योंकि यहाँ पर शैलेंद्र और परमार राजवंशों के समय में विभिन्न धर्मों के मंदिर निर्मित किए गए थे।

खजुराहो मंदिरों का एक अन्य महत्त्वपूर्ण पहलू यह है कि ये मंदिर हिन्दू तांत्रिक साहित्य में उल्लिखित हैं। इन मंदिरों में शैलाप्रकार, नगरशैली, और द्रविड़शैली की शैली मिलती है, जो इनकी विविधता और विशेषता को दर्शाती है।

खजुराहो मंदिरों की बेहद खूबसूरती, सांस्कृतिक महत्त्व और ऐतिहासिक उपेक्षा के कारण ये विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुके हैं। खजुराहो मंदिरों का दौरा करना और इनकी बेहद रमणीय और आध्यात्मिक वातावरण का आनंद लेना भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के आदर्श को समझने का अच्छा तरीका हो सकता है


खजुराहो मंदिर भारतीय संस्कृति और वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण || khajuraho temple india  खजुराहो मंदिर भारतीय संस्कृति और वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण || khajuraho temple india Reviewed by Creative Art on नवंबर 21, 2023 Rating: 5

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